Loan Recovery Meaning in Hindi: लोन रिकवरी की प्रक्रिया और नियम

By Yashvi

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Loan Recovery Meaning in Hindi: हम सभी को अपने जीवन में कभी ना कभी किसी काम को पूरा करने के लिए लोन की जरुरत पड़ती है और हम बैंकों से लोन ले लेते हैं. लेकिन कई बार कुछ लोग लोन चुकाने में असमर्थ रहते हैं और वे लोन की EMI को नहीं चुका पाते हैं.

जो व्यक्ति लोन को नहीं चुका पाता है बैंक उसे डिफॉल्टर घोषित कर देते हैं और उससे लोन वसूलने के लिए अपने एजेंट को भेजते हैं. यह प्रक्रिया लोन रिकवरी के अंतर्गत आती है.

बहुत सारे ग्राहकों को लोन रिकवरी के बारे में सही जानकारी नहीं होती है इसलिए वे लोन रिकवरी एजेंट से डरते हैं. लेकिन रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने लोन रिकवरी के लिए कुछ सख्त नियम बनाये हैं जिन नियमों के अंतर्गत ही एजेंट आपसे लोन रिकवरी कर सकता है.

लोन रिकवरी के बारे में हर एक ग्राहक को पता होना चाहिए. इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा पढने पर आप लोन रिकवरी क्या है और लोन रिकवरी के नियमों को अच्छे से समझ जायेंगें.

तो चलिए आपका अधिक समय ना लेते हुए शुरू करते हैं आज का यह ब्लॉग पोस्ट.

लोन रिकवरी क्या है (Loan Recovery Meaning in Hindi)

Loan Recovery जिसे कि हिंदी में ऋण वसूली कहा जाता है. जब कोई व्यक्ति लोन चुकाने में असमर्थ रहता है तो बैंक अपने एजेंट को भेजकर लोन वसूली या Loan Recovery की प्रक्रिया को शुरू करता है.

अर्थात जब बैंक लोन डिफॉल्टर व्यक्ति से लोन वापस लेने की प्रक्रिया को शुरू करते हैं तो इसे ही Loan Recovery कहा जाता है.

बैंक लोन रिकवरी कैसे करते हैं?

जब उधारकर्ता लोन की दो किश्त नहीं चुकाते हैं तो बैंक उसे रिमाइंडर भेजते हैं. लेकिन रिमाइंडर मिलने के बाद भी उधारकर्ता लगातार तीसरी किश्त को चुकाने में विफल रहता है तो बैंक उसे एक कानूनी नोटिस भेजता है.

और यदि इसके बाद भी उधारकर्ता लोन की EMI नहीं चुकाता है तो बैंक उस व्यक्ति को डिफॉल्टर घोषित कर देते हैं और लोन वसूलने के लिए अपने एजेंट को उस व्यक्ति के घर पर भेजते हैं.

सिक्योर्ड लोन के मामले में बैंक ग्राहक की गिरवी रखी गयी सम्पति को जब्त कर लेते हैं और उसे बेचकर लोन की भरपाई करते हैं, और अनसिक्योर्ड लोन के मामले में बैंक हर संभव प्रयास करके डिफॉल्टर से लोन की वसूली कर लेते हैं. तो इस प्रकार से बैंक एक डिफॉल्टर ग्राहक से Loan Recovery करता है.

लोन रिकवरी के नियम क्या है?

जब कोई ग्राहक लोन चुकाने में असमर्थ रहता है तो लोन रिकवरी एजेंट कई बार ग्राहकों को डराते, धमकाते हैं और उन्हें शाररिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं. बहुत सारे ग्राहकों को लोन रिकवरी नियमों के बारे में जानकारी नहीं होती है इसलिए वे लोन रिकवरी एजेंट से प्रताड़ित होते रहते हैं.

कोई भी व्यक्ति जिसने लोन लिया है या फिर जो लोन लेने के बारे में विचार कर रहा है उसे लोन रिकवरी के हर नियम के बारे में पता होना चाहिए. RBI ने बैंकों के लिए लोन रिकवरी के नियम बनाये हैं. अगर कोई एजेंट इन नियमों से बाहर लोन रिकवरी की कोशिस करता है तो उसकी शिकायत आप पुलिस या RBI से कर सकते हैं.

तो आइये जानते हैं लोन रिकवरी के लिए RBI के द्वारा बनाये गए नियम.

  • लोन रिकवरी एजेंट का काम उधारकर्ता से पेमेंट कलेक्ट करने का होता है, उसके पास उधारकर्ता की सम्पति को जब्त करने का कोई अधिकार नहीं होता है.
  • लोन रिकवरी एजेंट डिफॉल्टर ग्राहक से सुबह 7 बजे से लेकर शाम को 7 बजे तक ही मिल सकते हैं. और इसी समय सीमा के अन्दर मैसेज, कॉल कर सकते हैं.
  • लोन रिकवरी एजेंट ग्राहक को शाररिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं कर सकता है.
  • लोन रिकवरी एजेंट ग्राहक को अनुचित मैसेज नहीं भेज सकता है और ना ही कॉल में अनुचित भाषा का प्रयोग कर सकता है.

अगर लोन रिकवरी एजेंट उपरोक्त नियमों से बाहर जाकर लोन वसूलने की कोशिस करता है तो आप उसकी शिकायत पुलिस से या RBI से कर सकते हैं.

लोन रिकवरी एजेंट के दुर्व्यवहार की शिकायत करने के लिए आप पहले बैंक से एजेंट की शिकायत कर सकते हैं और अगर बैंक 30 दिनों तक आपकी शिकायत पर अमल करके निपटारा नहीं करता है तो आप नजदीकी पुलिस थाने जाकर या फिर RBI के ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर लोन रिकवरी एजेंट की शिकायत कर सकते हैं.

FAQ: Loan Recovery क्या है

Q – रिकवरी एजेंट परेशान करे तो क्या करना चाहिए?

RBI के नियमों के अनुसार लोन रिकवरी एजेंट आपको शाररिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं कर सकता है. अगर कोई लोन रिकवरी एजेंट आपको परेशान करता है तो आप उसकी शिकायत बैंक से कर सकते हैं और अगर बैंक कोई कारवाही नहीं करता है तो आप रिकवरी एजेंट की शिकायत नजदीकी पुलिस थाने में जाकर कर सकते हैं, या for RBI के ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर भी शिकायत कर सकते हैं.

Q – रिकवरी एजेंट का काम क्या होता है?

रिकवरी एजेंट का काम डिफॉल्टर ग्राहक से लोन की राशि को वसूलने का होता है.

Q – लोन की किस्त नहीं भरने पर क्या होता है?

अगर आप लोन की लगातार तीन किश्त नहीं भरते हैं तो बैंक आपको एक कानूनी नोटिस भेजेगा. और अगर आप उसके बाद भी लोन की किश्त नहीं भरते हैं तो बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर देग और लोन रिकवरी एजेंट को आपके घर भेजकर लोन वसूली की प्रक्रिया को शुरू करेगा.

Q – क्या लोन रिकवरी एजेंट आपके घर आ सकता है?

जी हाँ, लोन रिकवरी एजेंट आपके घर पर आ सकता है. वह सुबह 7 बजे से लेकर शाम के 7 बजे तक ही आपके घर पर आ सकता है.

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निष्कर्ष,

तो दोस्तों यह थी Loan Recovery के बारे में पूरी जानकारी. इस आर्टिकल को पढ़कर आप अच्छे से समझ गए होंगें Loan Recovery Meaning in Hindi, लोन रिकवरी कैसे की जाती है और लोन रिकवरी को लेकर RBI के नियम क्या हैं.

उम्मीद करते हैं आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा. अगर आपके मन में अभी भी लोन रिकवरी को लेकर सवाल हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं. अंत में आपसे निवेदन है कि इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर शेयर करके अन्य लोगों की भी मदद करें.

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