दोस्तों जब भी आप लोन के लिए आवेदन करते हैं तो आपको हमेशा प्रोसेसिंग फ्फीस का भुगतान करना होता है, पर आप जानते हैं आखिर ये प्रोसेसिंग फीस क्या होती है, बैंक आपसे प्रोसेसिंग फीस चार्ज क्यों करते हैं और कौन से ऐसे फैक्टर हैं जो प्रोसेसिंग फीस को प्रभावित करते हैं.
यदि आपको Processing Fees के बारे में सही जानकारी नहीं है तो आप एकदम सही ब्लॉग पोस्ट पर हैं. आज के इस पोस्ट में हम आपको प्रोसेसिंग फीस के बारे में कम्पलीट जानकारी देंगें, तो बने रहिये हमारे साथ लेख के अंत तक.
प्रोसेसिंग फीस का मतलब क्या होता है (Processing Fees Meaning in Hindi)
Processing Fees जिसे कि हिंदी में प्रसंस्करण शुल्क कहते हैं, यह लोन प्रोसेस करने के लिए बैंकों द्वारा लिया जाने वाला एक छोटा सा शुल्क होता है. जब भी आप बैंकों से या किसी वित्तीय संस्थाओं से लोन लेते हैं तो आपको प्रोसेसिंग फीस का भी भुगतान करना होता है.
प्रोसेसिंग फीस क्या है?
प्रोसेसिंग फीस लोन में लगने वाला एक शुल्क होता है जो कि बैंकों के द्वारा लोन आवंटन के समय लगाया जाता है. जब आप बैंक या NBFC से किसी भी प्रकार के लोन के लिए आवेदन करते हैं तो लोन को प्रोसेस और स्वीकृत करते समय ऋणदाता को कुछ प्रशासनिक लागत वहन करनी पड़ती है. इसी प्रशासनिक लागत को कवर करने के लिए ऋणदाता आपसे प्रोसेसिंग फीस लेते हैं.
प्रोसेसिंग फीस आमतौर पर एक छोटी सी राशि होती है जो कि कुल लोन राशि का 0.50 प्रतिशत से लेकर 4% तक होती है. प्रोसेसिंग फीस लोन के प्रकार और बैंकों के अनुसार भिन्न हो सकती है. प्रत्येक बैंक लोन प्रोसेसिंग फीस का न्यूनतम और अधिकतम प्रतिशत तय करते हैं जिसका उधारकर्ता को भुगतान करना होता है. उधारकर्ता या तो इस शुल्क का अग्रिम भुगतान करना चुन सकते हैं या फिर यह लोन वितरण के समय लोन की कुल राशि से कट जाता है.
प्रोसेसिंग फीस Non Refundable और One Time होती है, यानि कि प्रोसेसिंग शुल्क उधारकर्ता को वापस नहीं किया जाता है और उधारकर्ता को इस शुल्क का भुगतान केवल एक बार ही करना होता है.
लोन प्रोसेसिंग फीस को प्रभावित करने वाले कारक
लोन प्रोसेसिंग फीस को प्रभावित करने वाले कारक लोन प्रदाताओं के अनुसार भिन्न हो सकते हैं. प्रोसेसिंग फीस को प्रभावित करने वाले कुछ प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं –
- लोन राशि – प्रोसेसिंग फीस आपके द्वारा लिए जाने वाले लोन राशि पर निर्भर करती है. अधिक राशि के लोन पर प्रोसेसिंग फीस भी अधिक लगती है.
- लोन प्रदाता की नीतियाँ – विभिन्न लोन प्रदाताओं की प्रोसेसिंग फीस को लेकर पॉलिसी भिन्न हो सकती है. आप लोन अग्रीमेंट में प्रोसेसिंग फीस को चेक कर सकते हैं.
- क्रेडिट स्कोर – ग्राहक का क्रेडिट स्कोर प्रोसेसिंग फीस को प्रभावित करता है. ऐसे ग्राहक जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा है उन्हें बैंक प्रोसेसिंग फीस में कमी कर सकते हैं.
- लोन की समय अवधि (Tenure) – लोन की समय अवधि भी प्रोसेसिंग फीस को प्रभावित करती है. यदि आप लंबे समय के लिए लोन लेते हैं तो लोन की प्रोसेसिंग फीस अधिक हो सकती है.
- लोन की प्रक्रिया – इन सब के अलावा प्रोसेसिंग फीस लोन की प्रक्रिया पर भी निर्भर करती है. यदि लोन प्रोसेस में अधिक समय लगता है तो प्रोसेसिंग फीस भी अधिक हो सकती है.
FAQ: प्रोसेसिंग फीस क्या होती है
Q – क्या हमें लोन प्रोसेसिंग फीस वापस मिल सकती है?
जी नहीं, लोन प्रोसेसिंग फीस Non Refundable होती है यह फीस आपको वापस नहीं मिलती है.
Q – बैंक लोन प्रोसेसिंग फीस क्यों लेते हैं?
बैंकों को लोन प्रोसेस करने के लिए कुछ प्रशासनिक लागत का वहन करना पड़ता है इसी प्रशासनिक लागत को कवर करने के लिए बैंक प्रोसेसिंग फीस लेते हैं.
Q – क्या हर महीने प्रोसेसिंग फीस ली जाती है?
जी नहीं प्रोसेसिंग फीस केवल वक बार ली जाती है. बैंक जब आपको लोन वितरित करते हैं तो उस समय आपके द्वारा लिए जाने वाले कुल लोन की राशि से प्रोसेसिंग फीस काट लेते हैं.
Q – पर्सनल लोन की प्रोसेसिंग फीस कितनी होती है?
पर्सनल लोन की प्रोसेसिंग फीस ऋणदाता के अनुसार भिन्न होती है. अलग अलग बैंकों और ऋणदाताओं की पर्सनल लोन पर प्रोसेसिंग फीस अलग अलग होती है.
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निष्कर्ष
तो दोस्तों उम्मीद करते हैं इस पोस्ट को पढने के बाद आप समझ गए होंगें कि प्रोसेसिंग फीस क्या होती है और बैंक क्यों प्रोसेसिंग फीस चार्ज करते हैं. यदि अभी भी आपके मन में प्रोसेसिंग फीस को लेकर कोई डाउट हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं हम जल्द से जल्द आपके सवालों का जवाब देने की कोशिस करेंगें. और अगर यह पोस्ट आपको पसंद आया तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें.