EMI Kya Hai, इसे कैसे Calculate किया जाता है और इसके फायदे व नुकसान

By Yashvi

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लोन लेते समय या Online, Offline Shopping करते समय आपने कभी न कभी EMI के बारे में जरुर सुना होगा, जिसकी मदद से आप किसी भी वस्तु या लोन का भुगतान मासिक किश्तों पर कर सकते हैं. EMI के द्वारा भुगतान तो हम सभी करते हैं लेकिन बहुत कम लोगों को ही जानकारी होती है कि EMI Kya Hai, EMI का फुल फॉर्म क्या है, EMI काम कैसे करता है, EMI को कैसे calculate किया जाता है और EMI के फायदे तथा नुकसान क्या हैं.

अगर आपको भी EMI के बारे में जानकारी नहीं है तो चिंता करने की कोई बात नहीं क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको EMI के बारे में कम्पलीट जानकारी देने वाले हैं. इसके साथ ही हम आपको No Cost EMI और EMI Card के बारे में भी बतायेंगें.

तो चलिए दोस्तों बिना किसी देरी के शुरू करते हैं इस आर्टिकल को और जानते हैं EMI क्या होता है.

EMI Full Form in Hindi

EMI का फुल फॉर्म Equated Monthly Installment होता है जिसे कि हिंदी में मासिक किश्त कहा जाता है.

ईएमआई क्या है (What is EMI)?

Equated Monthly Installment यानि EMI लोन चुकाने का एक तरीका है जिसमें हम भुगतान करने के लिए मासिक किश्तों का इस्तेमाल करते हैं. जब भी हम घर, गाडी, महंगे उपकरण या अपने निजी खर्चों के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थानों से लोन लेते हैं तो हमें उस लोन को मूलधन के साथ ब्याज को जोड़कर उसे हर महीने किश्त के रूप में भुगतान करना होता है इसे ही EMI कहते हैं.  

लोन के अलावा आप क्रेडिट कार्ड, ऑनलाइन कोई सामान खरीदने पर या अन्य कोई भुगतान में भी ईएमआई भुगतान विकल्प को सेलेक्ट कर सकते हैं. ईएमआई के जरिये किसी भी वस्तु को खरीदना आसान हो जाता है, क्योंकि इसमें आपको भुगतान हर महीने करना पड़ता है जिससे आपके वित्तीय स्थिति पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है.

अगर आप कोई महँगी वस्तु लेना चाहते हैं तो एक दम से पूरा भुगतान करने में सोचना पड़ता है, इसी चीज का समाधान ईएमआई करता है. ईएमआई के माध्यम से आप किसी भी वस्तु या लोन का भुगतान अपने हर महीने की कमाई के एक हिस्से से चुका सकते हैं.

कुल मिलाकर कहें तो जब हम लोन लिए हुए पैसों को मासिक किश्तों के साथ वापस करते हैं तो इसे EMI कहते हैं.

ईएमआई काम कैसे करती है?

जैसा कि हमने अभी तक जाना जब हम लोन लिए हुए पैसों को मासिक किश्तों में चुकाते हैं तो उसे ईएमआई कहा जाता है. चलिए अब हम जानेंगें कि EMI काम कैसे करती है.

जब भी आप किसी बैंक से लोन लेते हैं तो आपको वह राशि एक निश्चित समय अवधि में तय ब्याज दर पर बैंक को वापस चुकानी पड़ती है. जैसे आपने किसी बैंक से 5 सालों के लिए 5 लाख रूपये का लोन 10 प्रतिशत ब्याज दर पर लिया है, तो आपको 10624 रूपये की किश्त 5 सालों तक हर महीने जमा करनी होगी. ये जो 10624 रूपये की किश्त हर महीने जमा करते हैं यही EMI है.

EMI के द्वारा भुगतान करने में ब्याज दर और मूलधन दोनों शामिल होते हैं. आपको कितना मासिक किश्त यानि EMI Pay करना होगा यह मूलधन, ब्याज और समय अवधि पर निर्भर करता है.

EMI को प्रभावित करने वाले कारक

EMI को मुख्य रूप से 3 Factor प्रभावित करते हैं.

  • लोन की राशि – यह लोन की कुल राशि या मूलधन है जिसे कोई व्यक्ति बैंकों या वित्तीय संस्थान से उधार लेता है.
  • ब्याज दर – यह वह दर है जो आपको बैंक और वित्तीय संस्थानों को लोन की रकम पर चुकानी पड़ती है.
  • लोन की समय अवधि – यह वह निर्धारित समय होता है जिसके अंतर्गत उधारकर्ता को लोन की सारी रकम ब्याज के साथ ऋणदाता को वापस चुकानी पड़ती है.

ईएमआई की गणना कैसे की जाती है (How to Calculate EMI)?

EMI को निम्नलिखित सूत्र के द्वारा calculate किया जाता है –

EMI = P x R x (1+R)N / [(1+R)N-1]

जहाँ,

P (Principle Amount) = मूलधन, जितना आपने लोन लिया है.

R (Rate of Interest) = ब्याज दर, जिसकी गणना मासिक आधार पर होती है.

N = समय अवधि, महीने में

चलिए एक उदाहरण के द्वारा इसे समझते हैं. माना मोहन ने 5 लाख रूपये का लोन 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर 10 सालों यानि 120 महीने के लिए लिया है. अब हम उपरोक्त सूत्र के आधार पर उसकी EMI को Calculate करेंगें.

यहाँ P = 5 लाख, R = 12 प्रतिशत और N 120 महीने है. उपरोक्त सूत्र में यह सभी Value रखने पर मोहन की EMI 7174 रूपये प्रतिमाह होगी.

EMI Calculator क्या होता है?

EMI Calculator ऐसे टूल होते हैं जिसके माध्यम से आप मासिक किश्त का पता लगा सकते हैं. ये टूल दिए गए डेटा की EMI गणना करने के लिए गणितीय सूत्रों का इस्तेमाल करते हैं.

EMI Calculator के द्वारा मासिक किश्त का पता करने के लिए आपको लोन की मूल राशि, ब्याज दर और Tenure के बारे में जानकारी होनी चाहिए. इसके बाद आपको इस सभी डेटा को EMI Calculator टूल में सही स्थानों में fill करना होता है. फिर यह टूल EMI गणना करने के सूत्र के अनुसार EMI की गणना करके सेकंड के भीतर आपको बता देते हैं.

EMI का भुगतान कैसे किया जाता है?

EMI का भुगतान आप ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों तरीकों के द्वारा कर सकते हैं.

Online EMI का भुगतान करने के लिए आपको उस बैंक या कंपनी के ऑनलाइन पोर्टल पर Login कर लेना है जहाँ से आपने लोन लिया है. इसके बाद वहाँ पर आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, UPI आदि भुगतान विकल्पों के द्वारा लोन की किश्त का EMI कर सकते हैं.

Offiline EMI का भुगतान करने के लिए आप जहाँ से आपने लोन लिया है उस बैंक की नजदीकी शाखा में जाकर लोन की किश्त का नकद पैसों में भुगतान कर सकते हैं.

आर्टिकल को यहाँ तक पढने पर आप अच्छी प्रकार से समझ गए होंगें कि EMI Kya Hai, चलिए अब EMI के कुछ फायदे और नुकसानों के बारे में भी जान लेते हैं. EMI के फायदे और नुकसानों के बारे में जान लेने से आप समझ जायेंगें कि ईएमआई अच्छा है या बुरा?

ईएमआई के फायदे (Advantage of EMI)

  • EMI के द्वारा आप महँगी से महँगी वस्तुओं को भी खरीद सकते हैं, भले ही आपके पास उस समय खरीदने के लिए पर्याप्त धन हो या नहीं.
  • किसी भी महँगी वस्तु को खरीदने पर आपको भुगतान एक बार में नहीं करना पड़ता है.
  • ईएमआई से भुगतान करने आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार होता है.
  • ईएमआई के द्वारा भुगतान करने पर आपकी वित्तीय स्थिति में कोई परेशानी नहीं आती है.
  • चूँकि EMI में आपको पहले से ही भुगतान राशि पता होती है इसलिए आप अपने अन्य खर्चों और निवेश की योजना आसानी से बना सकते हैं.
  • EMI भुगतान विकल्प चुनने पर आप अपने घर के खर्चे को मेन्टेन कर सकते हैं.

ईएमआई के नुकसान (Disadvantage of EMI)

  • आप लंबे समय तक कर्ज में रहेंगें.
  • समय पर EMI भुगतान ना करने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
  • अगर आप EMI के द्वारा कोई वस्तु लेते हैं तो आपको अधिक भुगतान करना पड़ता है, क्योंकि EMI भुगतान करते वक्त ब्याज भी add होता है.
  • कई वित्तीय संस्थान EMI भुगतान विकल्प चुनने पर प्रोसेसिंग फीस भी लेते हैं.
  • सुरक्षित ऋण जैसे होम लोन के मामले में अगर EMI भुगतान में कोई चूक हो जाती है तो आपकी गिरवी रखी वस्तु पर कानूनी रूप से ऋणदाता हक़दार होता है.

No Cost EMI क्या है?

आपने कई बार Online Shopping या विज्ञापनों में No Cost EMI के बारे में जरुर सूना होगा, पर क्या आप जानते हैं आखिर यह No Cost EMI क्या होता है.

जब लोन पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं लिया जाता है उसे ही No Cost EMI कहते हैं. No Cost EMI वाले ऑफर में आपको केवल मूलधन ही वापस चुकाना पड़ता है. उदाहरण के लिए आपने No Cost EMI पर 50 हजार रूपये का लोन लिया है तो आपको केवल 50 हजार रूपये ही वापस चुकाने पड़ेंगें. इसमें कोई ब्याज नहीं देना पड़ता है.

EMI Card क्या होता है

आजकल EMI Card बहुत अधिक प्रचलन में है अनेक सारे बैंक और वित्तीय कंपनियां EMI कार्ड की पेशकश कर रही हैं इसलिए आपको EMI कार्ड के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए.

EMI Card ऐसा कार्ड होता है जिसके द्वारा आप किसी भी वस्तु को बिना ब्याज के EMI पर खरीद सकते हैं. बैंक और वित्तीय कंपनियां आपके मासिक कमाई के आधार पर आपको EMI Card में एक लिमिट प्रदान कर देती है. इस कार्ड के द्वारा आप किसी भी वस्तु को बिना ब्याज के EMI पर खरीद सकते हैं.

EMI कार्ड के द्वारा आपको केवल मूलधन ही वापस करना पड़ता है. EMI कार्ड बनाने के लिए आपका CIBIL Score भी अच्छा होना चाहिए.

EMI से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

Q – ईएमआई क्या होता है?

EMI एक निश्चित राशि का मासिक भुगतान है जिसके द्वारा हम लिए गए लोन की चुकौती करते हैं.

Q – ईएमआई का फुल फॉर्म क्या होता है?

EMI का फुल फॉर्म Equated Monthly Installment होता है जिसे कि हिंदी में मासिक किश्त कहते हैं.

Q – नो कोस्ट ईएमआई क्या होता है?

जब आपको EMI के माध्यम से केवल मूलधन वापस चुकाना होता है उसे नो कोस्ट ईएमआई कहते हैं.

Q – ईएमआई में डाउन पेमेंट क्या है?

डाउन पेमेंट वह राशि होती है जिसे किसी भी वस्तु को EMI पर लेने से पहले उस वस्तु की कीमत का कुछ हिस्सा आमतौर पर 25 प्रतिशत भुगतान करना होता है, और बाकी का सारा पैसा आप EMI के द्वारा भुगतान कर सकते हैं.

Q – लोन और ईएमआई में क्या अंतर है?

लोन वह राशि होती है जो बैंक और वित्तीय संस्थायें आपको प्रदान करवाती हैं तथा ईएमआई वह मासिक भुगतान है जिसके द्वारा आप लोन की राशि ब्याज के साथ निर्धारित समय अवधि में चुकाते हैं.

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Conclusion: EMI Kya Hai

आज के इस आर्टिकल में आपने जाना कि EMI Kya Hai, ईएमआई की गणना कैसे की जाती है और ईएमआई आपके लिए अच्छी है या बुरी. इसके साथ ही हमने आपको EMI से जुडी सभी जानकारी प्रदान करवाई है ताकि आपके मन में EMI से सम्बंधित कोई सवाल ना रहे.

उम्मीद करते हैं दोस्तों यह आर्टिकल आपको जरुर पसंद आया होगा, अगर इस लेख में दी गयी जानकारी से आपको कुछ सीखने को मिला है तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी जरुर शेयर करें. धन्यवाद||

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